हनी ट्रैपिंग के जरिए उनकी अश्लील वीडियो व फोटो बनाकर करता था ब्लैकमेलिंग


 लखनऊ के विभूतिखंड पुलिस ने बुधवार को एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया था, जो हनी ट्रैपिंग के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसाता था। उनकी अश्लील वीडियो व फोटो बनाकर ब्लैकमेलिंग करता था। इस गिरोह के दो सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।


पुलिस के मुताबिक इस गिरोह को पति-पत्नी संचालित करते हैं। गिरोह में कुल सात सदस्य है। पांच फरार सदस्यों की तलाश में पुलिस ने दबिश तेज कर दी है। प्रभारी निरीक्षक विभूतिखंड संजय शुक्ला के मुताबिक गिरोह बहुत शातिर तरीके से काम करता था। पहले तो ये पैसे वालों को टार्गेट करता था।

उनके पीछे लखनऊ से बाहर की लड़कियां लगाई जाती थीं। यह लड़कियां सोशल मीडिया के माध्यम से पहले दोस्त बनाती थी। फिर अपने तय स्थान पर या किसी होटल में मिलने बुलाती थीं। जहां गिरोह के लोग लड़की के साथ टार्गेट की अश्लील वीडियो और तस्वीरें बनाते थे।

इसके बाद वो फोटो और वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर मोटी रकम ऐंठते थे। राजधानी के एक दंत चिकित्सक द्वारा दर्ज कराये गये अपहरण के मुकदमे के बाद पुलिस इस गिरोह तक पहुंची। गिरोह ने डॉक्टर को अगवा कर 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। जब पड़ताल शुरू हुई तो हनी ट्रैपिंग, ब्लैकमेलिंग, ऑन लाइन हाईप्रोफाइल सेक्स रैकेट के गिरोह का खुलासा हुआ।

पुलिस खंगाल रही सोशल मीडिया साइट


प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक पकड़े गये सचिन रावत और कहकशां उर्फ नीशू से पूछताछ की गई। उनसे मिली जानकारी के मुताबिक गिरोह का संचालन कहकशां की बहन सना उर्फ तबस्सुम फातिमा उर्फ देवांशी अपने पति आदिल के साथ मिलकर करती है।


इस गिरोह ने  सोशल मीडिया के कई प्लेटफार्म पर साइट बना रखी है। इसके जरिए लोगों को फंसाती है। पुलिस इन सोशल साइटों की जांच शुरू कर चुकी है। जल्द ही इनके जरिए अन्य पीड़ितों की जानकारी मिलेगी। वहीं गिरोह के मास्टर माइंड आदिल व सना सहित पांच लोगों की तलाश में दबिश तेज कर दी गई है। 


पुलिस के मुताबिक यह गिरोह नामी व बडे़ बिल्डरों के अपार्टमेंट व वीआईपी कॉलोनियों में महंगे दामों पर मकान किराए पर लेता है। वहीं से ऑनलाइन लोगों को जाल में फंसाता है। पुलिस ऐसी कॉलोनियों में संदिग्ध फ्लैट व मकानों की निगरानी भी कर रही है।