साइकिल पर घूमकर लोगों को जिम्मेदारी सिखा रहे 'नेचर मैन'


 कभी सड़क दुर्घटनाओं से आहत तो कभी बेजुबानों के दाना-पानी को लेकर परेशान...। कभी कोरोना संक्रमण से डटकर मुकाबले करने की अपील तो कभी प्रकृति को हरा-भरा रखने के लिए एक पौधा लगाने की गुजारिश...। कभी जल बचाने की मुहिम तो कभी हेलमेट लगाने के लिए लोगों से प्रार्थना...।


कुछ ऐसे ही संदेशों के साथ साल के 12 महीने लोगों को किसी न किसी अच्छे काम के लिए प्रेरित करते हैं भोजपुरी कवि कृष्णानंद राय। इनका अभियान साइकिल पर शुरू होता है। साइकिल पर बैनर टांगकर पूरे शहर में यहां-वहां घूमते हैं और लोगों से बुरी आदतें छोड़ने और अच्छी आदतें अपनाने की अपील करते हैं।

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में सीनियर अकाउंटेंट राय को लोग ‘नेचर मैन’ के नाम से भी पुकारते हैं। फिजा में बढ़ते प्रदूषण को लेकर राय महीने में दो दिन ‘ऑनली साइकिल डे’ की पैरवी करते हैं। 

 40 किलोमीटर रोज चलाते हैं साइकिल

गाजीपुर निवासी कृष्णानंद 1985 से लखनऊ में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि 90 के दशक में उन्हें ईंधन बचाने और पर्यावरण में फैल रहे धुएं को लेकर लोगों को जागरूक करते एक अभियान से जुड़ने का मौका मिला। उसी के बाद से उन्होंने साइकिल को ही अपना अभियान बना लिया। 22-23 सालों से औसतन 40 से 50 किलोमीटर साइकिल रोज चल ही जाती है। 

सड़क पर अक्सर कपड़ों के ऊपर फ्लेक्स, बैनर या तख्ती दोनों ओर लटकाए वे देखे जा सकते हैं। राय ने बताया कि करोना काल में मास्क पर करोना जीत मंत्र लिखकर भी लगभग दो-तीन महीने लगातार साइकिल से भ्रमण किया। अभियान के मुताबिक ही भोजपुरी में गीत रचना भी कर डालते हैं, जिसे मौका मिलने पर सुनाते हैं।