वाणिज्य कर अधिकारियों के लिए कर चोरी के बड़े मामले दबाए रखना अब मुश्किल

 


वाणिज्य कर अधिकारियों के लिए कर चोरी के बड़े मामले दबाए रखना अब मुश्किल होगा। विभाग के अधिकारियों को 25 लाख से अधिक की कर चोरी वाले मामलों की रिपोर्ट मुख्यालय भेजनी होगी। मुख्यालय की ओर से सभी जोन को दिशा-निर्देश भेजकर ऐसे मामलों की रिपोर्ट तलब की गई है। यह रिपोर्ट त्रैमासिक होगी और जोन स्तर पर सत्यापन के बाद मुख्यालय भेजी जाएगी। यहां से रिपोर्ट जीएसटी काउंसिल जाएगी।


दरअसल वाणिज्य कर चोरी के बड़े मामलों का अध्ययन करने के लिए जीएसटी काउंसिल ने पिछले साल प्रदेश के वाणिज्य कर विभाग को एक प्रारूप भेजा था।  इस प्रारूप के आधार पर 25 लाख से अधिक की कर चोरी के मामलों की रिपोर्ट हर तीन माह में तैयार करने के निर्देश दिए गए थे। इसी के आधार पर अब दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।


वाणिज्य कर मुख्यालय की ओर से सभी जोन को 2019 के 12 महीनों की त्रैमासिक रिपोर्ट तैयार कर उपलब्ध कराने और आगे से इसी तरह से रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। जीएसटी काउंसिल ने रिपोर्ट तैयार करने के लिए महीनों का भी निर्धारण कर दिया है। इसके तहत 25 लाख से अधिक की कर चोरी की रिपोर्ट मार्च, जून, सितंबर व दिसंबर में तैयार करनी होगी। रिपोर्ट तैयार होने के बाद अगले महीने की 5 तारीख तक अनिवार्य रूप से काउंसिल को भेजी जाएगी। यानी मार्च की रिपोर्ट भेजने की अंतिम तारीख 5 अप्रैल होगी।


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