माघ मेले में रेलवे की तैयारियां 14 दिन के मंथन के बाद भी शून्य, ऐसे में यात्रियों का परेशान होना तय


अगले महीने प्रयाग में होने वाले माघ मेले में रेलवे की तैयारियां 14 दिन के मंथन के बाद भी शून्य हैं। ऐसे में यात्रियों का परेशान होना तय माना जा रहा है। उत्तर व उत्तर मध्य रेलवे प्रशासन की ओर से भले ही लंबे रूट की गाड़ियां शुरू कर दी गई हों, लेकिन रेलवे बोर्ड अभी तक ये फैसला नहीं कर पाया कि अगले महीने माघ मेले के लिए रिजर्वेशन वाली ट्रेनों को चलाए या फिर अनारक्षित श्रेणी वाली पैसेंजर ट्रेनों को।


बोर्ड में लखनऊ रेल मंडल का प्रयागराज के लिए ट्रेनें चलाने का प्रस्ताव पड़ा हुआ है। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की ओर से गत 14 दिसंबर को गंगा गोमती एक्सप्रेस, त्रिवेणी एक्सप्रेस, लखनऊ-प्रयाग इंटरसिटी, बरेली-प्रयाग एक्सप्रेस, मनकापुर-प्रयाग सरयू एक्सप्रेस, प्रयाग-बस्ती एक्सप्रेस, प्रयाग-उन्नाव-कानपुर पैसेंजर, प्रयाग-फैजाबाद पैसेंजर का प्रस्ताव भेजा गया था। इन्हें 12 जनवरी से चलाने की तैयारी है। लेकिन इनमें से ज्यादातर में सेकंड सिटिंग क्लास की बोगियां लगती हैं। ऐसे में उत्तर रेलवे जनरल टिकट बेचने से बचने के लिए इनकी जगह रिजर्वेशन वाली गाड़ियों को चलाने पर मंथन कर रहा है।