योगी सरकार मनरेगा की तर्ज पर शहरों व कस्बों के हर परिवार के एक व्यक्ति को रोजगार की गारंटी देने की तैयारी


योगी सरकार मनरेगा की तर्ज पर शहरों व कस्बों के हर परिवार के एक व्यक्ति को रोजगार की गारंटी देने की तैयारी कर रही है। ये रोजगार सरकारी, गैरसरकारी, निजी क्षेत्र या कौशल प्रशिक्षण अथवा स्वरोजगार के माध्यम से हो सकते हैं। 


जिस तरह गांवों में मनरेगा के तहत हर परिवार के  एक सदस्य को कम से कम 100 दिन के रोजगार की गारंटी है, उसी तरह शहरी क्षेत्रों के हर परिवार के एक सदस्य को रोजगार का कानूनी अधिकार देने की तैयारी है। 
इसके लिए सांविधानिक रोजगार आयोग के गठन पर विचार किया जा रहा है। इसका प्रस्ताव तैयार करा लिया गया है। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सरकार इसका औपचारिक रूप से एलान कर सकती है।
आयोग को रिपोर्ट करेगा आयुक्त
प्रस्ताव के अनुसार रोजगार आयुक्त रोजगार आयोग को रिपोर्ट करेगा। रोजगार आयुक्त को यह अधिकार होगा कि वह किसी भी विभाग, सरकारी संस्था, कंपनी व निजी उद्योगों को रोजगार या कौशल विकास से संबंधित निर्देश दे सके। प्रस्ताव में सुझाव दिया गया है कि वर्तमान में यह आयोग उप मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में काम कर सकता है।
आयोग को रिपोर्ट करेगा आयुक्त
प्रस्ताव के अनुसार रोजगार आयुक्त रोजगार आयोग को रिपोर्ट करेगा। रोजगार आयुक्त को यह अधिकार होगा कि वह किसी भी विभाग, सरकारी संस्था, कंपनी व निजी उद्योगों को रोजगार या कौशल विकास से संबंधित निर्देश दे सके। प्रस्ताव में सुझाव दिया गया है कि वर्तमान में यह आयोग उप मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में काम कर सकता है।


नियुक्तियों पर नजर रखेगा आयोग
यह आयोग प्रदेश में रोजगार के अवसरों व नियुक्तियों पर नजर रखेगा। आयोग सुनिश्चित कराएगा कि विभाग, संस्था या निजी उद्योग समय से तथा पारदर्शी तरीके  नौकरियां उपलब्ध कराएं। आयोग प्रदेश के सभी क्षेत्रों में विकास कार्यक्रमों का समन्वय करेगा। रोजगार संगठनों, निजी संगठनों और संस्थाओं में जिस प्रकार के कौशल की जरूरत होगी, उसी के हिसाब से आयोग कौशल विकास कार्यक्रमों को चलवाएगा। 


आयोग यह भी सुनिश्चित करेगा कि प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले को नौकरी मिले या वे स्वरोजगार में लगें। इसके लिए वह बैंकों से समन्वय करेगा। विदेश से आने वाली नौकरियों के संबंध में विभिन्न देशों के दूतावासों से संपर्क कर रोजगार मेलों का आयोजन भी कराएगा।