विश्व बैंक ने प्रदेश में एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर करेगी काम


विश्व बैंक ने प्रदेश में एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जाहिर की है। विश्व बैंक के प्रतिनिधियों ने बृहस्पतिवार को निर्यात प्रोत्साहन भवन में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल के साथ बैठक में ओडीओपी योजना में सहयोग देने की पेशकश की।


सहगल ने विश्व बैंक के प्रतिनिधियों को बताया कि ओडीओपी के तहत 41,000 से ज्यादा कारीगरों को प्रशिक्षित किया गया है। इसके अलावा करीब 40,000 कारीगरों को टूलकिट दिए गए हैं। 3,000 ओडीओपी इकाइयों को मार्जिन मनी स्कीम के तहत बैंकों से 100 करोड़ से ज्यादा का ऋण दिलाया है। 20,000 से अधिक ओडीओपी उत्पादों को ऑनलाइन सेल्स प्लेटफार्म से जोड़ा गया है। 
विश्व बैंक ने प्रदेश में एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जाहिर की है।
विश्व बैंक के प्रतिनिधियों ने ओडीओपी योजना की सराहना करते हुए प्रदेश सरकार के साथ दो कार्यक्रमों के माध्यम से कार्य करने की इच्छा जाहिर की। ओडीओपी से जुड़े 14 कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के ईकोसिस्टम को उत्तर प्रदेश मल्टी-सेक्टोरल इकनॉमिक्स ईकोसिस्टम डवलपमेंट प्रोग्राम (यूपीएमईईडीपी) के माध्यम से विकसित करने का सुझाव दिया गया। जिसका उद्देश्य एकीकृत क्लस्टर विकास के माध्यम से उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है। अन्य ओडीओपी एवं एमएसएमई उत्पादों के ईकोसिस्टम को केंद्र सरकार और विश्व बैंक द्वारा प्रस्तावित क्लस्टर विकास कार्यक्रम के माध्यम से विकसित करने का सुझाव दिया गया। सहगल ने विश्व बैंक के  प्रतिनिधियों को कार्यक्रमों के संबंध में प्रस्ताव उपलब्ध कराने को कहा है।