सादी के बाद दूल्हा पहुंचा रिक्शा से, जबकि बराती पहुंचे पैदल


भारत-नेपाल सीमा पर पूरी तरह आवागमन ठप है। सिर्फ जरूरी वाहनों को ही प्रवेश मिल रहा है। ऐसे में वैवाहिक कार्यक्रमों पर बड़ा असर पड़ रहा है। बांके जिला निवासी युवक का निकाह रुपईडीहा की रहने वाली युवती से हुआ है। शुक्रवार को दूल्हा रिक्शा से पहुंचा, जबकि बराती पैदल सीमा पार कर पहुंचे। वहीं निकाह के बाद देर शाम दूल्हा और दुल्हन रिक्शा से नेपाल के लिए रवाना हुए।


भारत-नेपाल सीमा पर आवागमन पूरी तरह से बंद है। नेपाल सरकार ने कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एक नवंबर तक सीमा को सील कर दिया है। ऐसे में सीमा बंद होने से रोटी-बेटी का संबंध प्रभावित हो रहा है।
नेपाल के बांके जिला अंतर्गत भंडरिया गांव निवासी रफीक का विवाह रुपईडीहा कस्बा निवासी छोटे मेकरानी पुत्र हलीम मेकरानी की पुत्री से तय हुआ था। लेकिन बॉर्डर सील होने के कारण शुक्रवार को शादी के लिए भंडरिया गांव निवासी रफीक बरातियों संग भारत सीमा पर पहुंचा। नेपाल सरकार से वाहन के प्रवेश की अनुमति नहीं मिली थी। इस पर रफीक रिक्शा से रुपईडीहा पहुंचा, जहां छोटे मेकरानी की पुत्री के साथ उसका निकाह हुआ।
पैदल ही सीमा पार कर गए बाराती
शुक्रवार शाम करीब सात बजे दूल्हा रिक्शा से दुल्हन को लेकर नेपाल के लिए रवाना हुआ, जबकि दूल्हे के साथ आए 10 बराती पैदल ही सीमा पार कर गए। इसके बाद सभी अपने गांवों के लिए रवाना हो गए।