परिवहन निगम के एमडी धीरज साहू ने शुक्रवार को तत्काल प्रभाव से एआरएम को किया निलंबित


रोडवेज बसों से डीजल चोरी के मामले की फाइल को सात महीने तक दबाए रखने वाले सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (एआरएम) गौरव वर्मा को निलंबित कर दिया गया है। मामला कैसरबाग बस डिपो का है। परिवहन निगम के एमडी धीरज साहू ने शुक्रवार को तत्काल प्रभाव से एआरएम को निलंबित कर दिया।


इस दौरान वेतन और भत्ते में कटौती होगी। पूरे मामले की जांच प्रधान प्रबंधक (प्राविधिक) ए. रहमान को सौंपी गई है। जबकि एआरएम परिवहन निगम मुख्यालय के मुख्य प्रधान प्रबंधक (संचालन) पीआर बेलवारियार से संबद्ध रहेगा। 
मालूम हो कि बीते नवंबर व दिसंबर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शनकारियों को लाने व ले जाने के लिए पुलिस द्वारा बसें किराए पर ली गई थीं।
डीजल खर्च परिवहन निगम को देना था। लेकिन मामले की जांच हुई तो बिना बस चले ही लाखों का डीजल खर्च होने का मामला सामने आया था। एआरएम गौरव वर्मा मामले की फाइल को सात महीने से दबाए हुए था। इसे लेकर कार्रवाई हुई है। गौरव वर्मा का चयन गत 11 सितंबर को यूपी पीसीएस में हुआ था। उसे आबकारी विभाग में एक्साइज इंस्पेक्टर का पद मिला था। 2015 में परिवहन निगम में भर्ती होने के बाद से ही उसकी कार्यशैली चर्चा में रही है।  
पहले भी हो चुके हैं सस्पेंड
सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक गौरव वर्मा इससे पहले भी सस्पेंड हो चुके हैं। उन्नाव डिपो में तैनाती के दौरान दिनदहाड़े करीब 20 लाख के कैश की लूट हो गई थी। मामले ने काफी तूल पकड़ लिया था। इसके बाद एआरएम गौरव वर्मा को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया था।


आरोप
- रोडवेज बसों में डीजल खर्च की समीक्षा नहीं करना। 
- व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम से छेड़छाड़ पर कार्रवाई नहीं करना।
- उच्चाधिकारियों के आदेशों को बार-बार नजरअंदाज करना।
- डीजल चोरी की रिकवरी दोषी कर्मियों से नहीं करना।