सरोजनीनगर थानाक्षेत्र के टीएस मिश्रा मेडिकल कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मीनू यादव (32) ने रविवार सुबह खुदकुशी कर ली। उनका शव कॉलेज परिसर स्थित आवास के कमरे में पंखे से लटकता मिला। मां की सूचना पर पहुंची पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। पुलिस जांच कर रही है। वहीं परिवारीजनों ने ससुरालियों को खुदकुशी के लिए जिम्मेदार बताया है।
प्रभारी निरीक्षक आनंद कुमार शाही ने बताया, मूलरूप से कानपुर के चकेरी थानाक्षेत्र के पटेलनगर रामादेवी के रहने वाले डॉ. आरबी सिंह की बेटी डॉ. मीनू यादव सरोजनीनगर में कॉलेज परिसर में बने आवास में दूसरी मंजिल पर स्थित कमरा नंबर-3 में अपनी मां रामरानी के साथ रहती थी। मां ने बताया, रविवार सुबह करीब 9.30 बजे वह बाथरूम में नहाने गई। बाहर निकली तो देखा डॉ. मीनू दुपट्टे का फंदा बनाकर पंखे के हुक से फांसी लगा चुकी थी। रामरानी ने कैंची से दुपट्टे के फंदा काटा। मीनू को नीचे उतारा और बेड पर लिटा दिया। इसी बीच मेडिकल कॉलेज के कई चिकित्सक भी पहुंच गए। वहां जांच के बाद मृत घोषित कर दिया गया।
केजीएमयू का वरिष्ठ सहपाठी कर रहा था ब्लैकमेल
प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक, डॉ. मीनू के पिता ने देर रात डॉ. मीनू के पति डॉ. अक्षय यादव, उनके बहनोई डॉ. प्रवीण यादव और डॉ. महेश के खिलाफ तहरीर दी है। पिता का आरोप है कि जहां डॉ. अक्षय व प्रवीण दोनों दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे। वहीं डॉ. महेश केजीएमयू में डॉ. मीनू के वरिष्ठ सहपाठी थे। वह उसे अक्सर ब्लैकमेल करते थे जिसके कारण उसका पारिवारिक जीवन खराब हो गया। इसी कारण उसने खुदकुशी की है। दहेज प्रताड़ना, खुदकुशी के लिए उकसाने सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार कर रही है।
शादी के बाद नहीं गई ससुराल
परिवारीजनों के मुताबिक, डॉ. मीनू की शादी झांसी के डॉ. अक्षय यादव के साथ 28 जून को हुई। डॉ. मीनू के पति डॉ. अक्षय भोपाल में तैनात हैं। शादी के बाद मीनू की ससुरालियों से किसी बात पर अनबन हो गई थी। इसके बाद वह ससुराल नहीं गई।
मरीजों से अच्छे व्यवहार की चर्चा रहती थी
परिवारीजनों के मुताबिक, डॉ. मीनू यादव कोरोना मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी दी गई थी। इलाज के दौरान वह कुछ दिन होटल में भी रही। क्वारंटीन का समय खत्म होने के बाद वापस आ गईं। डॉ. टीएस मिश्रा अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि डॉ. मीनू यादव काफी मिलनसार थीं।