इमाम-ए-जुमा मौलाना कल्बे जवाद ने बुधवार को कहा कि प्रशासन पहले धार्मिक आयोजन (अजादारी) की इजाजत दे, फिर खुलेगा बड़े इमामबाड़े का गेट


इमाम-ए-जुमा मौलाना कल्बे जवाद ने बुधवार को कहा कि प्रशासन पहले धार्मिक आयोजन (अजादारी) की इजाजत दे, फिर पर्यटकों के लिए बड़े इमामबाड़े का गेट खोले। गुरुवार से पर्यटकों के लिए इमामबाड़ा खोलने के डीएम के फैसले पर उन्होंने यह प्रतिक्रिया दी।


बड़े इमामबाड़े में बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में मौलाना ने आरोप लगाया कि प्रशासन में बैठे कुछ लोग फैसलों से शिया समुदाय की भावनाओं को आहत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इमामबाड़े की तामीर अजादारी के लिए थी। इमामबाड़ा धार्मिक स्थल हैं, न कि पर्यटन स्थल। प्रशासन इमामबाड़े में धार्मिक कार्यों पर पाबंदी लगाकर शिया समुदाय के जज्बात भड़का रहा है। अगर इमामबाड़े में अजादारी को रोका गया तो कौम के जज्बात को काबू करना मुश्किल होगा।
डीएम का यह है आदेश
जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कोविड नियमों का सख्ती से पालन करते हुए हुसैनाबाद ट्रस्ट के कर्मचारियों को गुरुवार 24 सितंबर से बड़े इमामबाड़े का गेट खोलने के निर्देश दिए है। पिक्चर गैलरी व इमामबाड़ा शाहनजफ आदि ऐतिहासिक इमारतों को भी पर्यटकों के लिए खोला जाएगा।  


100 लोगों को प्रवेश की अनुमति
हुसैनाबाद ट्रस्ट के सचिव नगर मजिस्ट्रेट सुशील प्रताप सिंह ने बुधवार को लिखित आदेश जारी किया। इसमें केंद्र सरकार के अनलॉक-चार का हवाला देते हुए बड़े इमामबाड़े में भी 100 लोगों को प्रवेश की अनुमति दी गई है। हर पर्यटक की थर्मल स्क्रीनिंग होगी। सैनिटाइजेशन की व्यवस्था रहेगी। मास्क के बिना पर्यटकों को प्रवेश नहीं मिलेगा। सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करना होगा।