अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए भारतीय मूल की सीनेटर कमला हैरिस को उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना है। यह फैसला कई मायनों में बेहद खास माना जा रहा है। खासतौर से मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए नई चुनौतियां खड़ी करने के लिहाज से।
हालांकि यह भी माना जा रहा है कि हैरिस की उम्मीदवारी के अपने जोखिम और चुनौतियां भी हैं। बिडेन की घोषणा के तुरंत बाद ही ट्रंप ने हैरिस के बारे में कई आपत्तिजनक शब्द कह डाले। उन्होंने कमला हैरिस के लिए 'बुरा', 'भयानक' और 'अपमानजनक' शब्दों का इस्तेमाल किया। इसी महीने की शुरुआत में हुए सर्वे के मुताबिक वह कट्टरपंथी नहीं बल्कि बिडेन से ज्यादा रिपब्लिकन हैं। इस पोल के अनुसार 21 फीसदी पंजीकृत रिपब्लिकन वोटर ने हैरिस के समर्थन में वोट किया। जबकि 13 प्रतिशत वोटरों ने बिडेन का समर्थन किया।
ट्रंप की चिंता बढ़ी
ऐसा पहली बार हुआ है, जब कोई अश्वेत महिला देश की किसी बड़ी पार्टी की ओर से उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनी हैं। ऐसे में ट्रंप का उन पर हमला बोलना भारी पड़ सकता है। खासतौर से जब देश में अश्वेतों के साथ हो रहे बर्ताव को लेकर लोगों में गुस्सा है।
डेमोक्रेटिक की एक महिला पहले ही इसे लेकर चेतावनी जारी कर चुकी हैं। 2016 में ट्रंप ने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन पर लिंग भेदी टिप्पणी की थी, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा था। डोनाल्ड ट्रंप ने हिलेरी की आलोचना करते हुए उन पर महिला कार्ड खेलने का आरोप लगाया था। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव नवंबर में होने हैं और बिडेन अभी 11 प्वांइट से ट्रंप पर बढ़त बनाए हुए हैं।
ट्रंप पर घट रहा जनता का भरोसा
कोरोना वायरस और आर्थिक संकट को लेकर ट्रंप आम लोगों के साथ खड़े नहीं दिख रहे हैं। इस वजह से जनता भी उनसे दूर होती दिख रही है। इसके अलावा अश्वेतों के साथ हुए बर्ताव को लेकर भी अमेरिकी राष्ट्रपति लगातार निशाने पर हैं।
हैरिस को वामपंथी घोषित करने की कोशिश
केंद्र में आने के लिए कमला हैरिस ने कई पॉलिसी पर अपने विचारों को बदला है। मगर ट्रंप के चुनावी अभियान में यह कोशिश की जा रही है कि वह वामपंथी हैं और वह जल्द ही 77 वर्षीय बिडेन की जगह ले लेंगी।