40 हजार करोड़ रुपये से तीन इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स की होगी स्थापना


उत्तर प्रदेश में 40 हजार करोड़ रुपये के निवेश से तीन इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स की स्थापना की जाएगी। तीन उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना के साथ प्रदेश में राजकीय एवं निजी संस्थानों के सहयोग से इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीम) पार्क की स्थापना की जाएगी। चार लाख लोगों को रोजगार दिया जाएगा।


योगी कैबिनेट ने बाई सर्कुलेशन उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति 2020 को मंजूरी दी है। इसे अधिसूचना की तिथि से पांच वर्ष के लिए लागू किया जाएगा।
नीति के तहत प्रदेश में निवेशकों को 15 प्रतिशत पूंजीगत सब्सिडी, एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश पर 15 प्रतिशत अतिरिक्त पूंजी सब्सिडी, अधिसूचित बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से लिए गए ऋण पर 5 वर्ष की ब्याज सब्सिडी, स्थिर पूंजी निवेश पर 40 प्रतिशत तक पुनर्निर्मित संयंत्र, उपकरण और मशीनरी की अनुमति मिलेगी। स्टांप ड्यूटी में छूट दी जाएगी। पेटेंट्स फाइलिंग की लागत की प्रतिपूर्ति की जाएगी। भूमि की प्रचलित सेक्टर दरों पर सब्सिडी दी जाएगी।
10 वर्षों तक इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी से छूट दी जाएगी। कौशल विकास में सहायता के साथ ईएमसी विकास, एकल इकाइयों के लिए प्रोत्साहन, सशक्त समिति और मंत्रिपरिषद की अनुमति से फैब इकाइयों के लिए विशेष पैकेज उपलब्ध होंगे।
बुंदेलखंड और पूर्वांचल के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन
नीति में बुंदेलखंड और पूर्वांचल क्षेत्र के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन का भी प्रावधान किया गया है। नीति के क्रियान्वयन के लिए आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के अधीन एक नोडल संस्था गठित की जाएगी। इसके कार्यों की देखरेख के लिए नीति कार्यान्वयन इकाई स्थापित की जाएगी।


निवेशकों से संबंधित मामलों के समयबद्ध निस्तारण के लिए अंतर्विभागीय सामंजस्य और 200 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाली परियोजना पर मंत्रिपरिषद के अनुमोदन की अनुशंसा के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सशक्त समिति बनाई जाएगी।


इसलिए पड़ी जरूरत: सरकार का मानना है कि ईएसडीएम क्षेत्र में 20 हजार करोड़ के निवेश और तीन लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस-वे क्षेत्र के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग जोन और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए अनुकूल माहौल बना है।


भारत सरकार की राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति -2019 के बाद प्रदेश सरकार ने भी उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग नीति 2017 में संशोधन करना उचित समझा।