एक समय कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट थी लेकिन अब यहां पिछले सात दिनों से संक्रमण के कारण एक भी मरीज की नहीं गई जान


मुंबई स्थित एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी एक समय कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट थी लेकिन अब यहां पिछले सात दिनों से संक्रमण के कारण एक भी मरीज की जान नहीं गई है। इसके अलावा यहां कोविड-19 के मामलों में भी कमी देखने को मिल रही है। 


बृहन्मुंबई नगरपालिका (बीएमसी) के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, एक जून को धारावी में कोरोना वायरस के 34 मामले, जबकि सात जून को कुल 13 मामले सामने आए थे। इससे पहले छह जून को 10, पांच जून को 17 और चार जून को 23 मामले दर्ज किए गए थे।
आधिकारिक डाटा के अनुसार धारावी में कोविड-19 के मामलों में गिरावट देखी जा रही है। धारावी में सात जून तक कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1,912 थी। 30 मई से पिछले सात दिनों में धारावी में कोरोना की वजह से कोई मौत नहीं हुई है जो बड़ी राहत का संकेत है।
बीएमसी की सहायक नगर आयुक्त किरण दिघावकर, जो धारावी की कोरोना मिशन प्रभारी हैं, उन्होंने कहा, ‘धारावी में आक्रामक स्क्रीनिंग ने पॉजिटिव मामलों को कम करने में मदद की है। बीएमसी के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, निजी क्लीनिक के डॉक्टरों, मोबाइल वैन, नगर निगम की डिस्पेंसरी आदि ने लगभग छह से सात लाख लोगों के घर-घर जाकर जांच की है।’


उन्होंने कहा, ‘हमने बुखार, ऑक्सीजन स्तर और अन्य लक्षणों वाले अधिकतम लोगों की स्क्रीनिंग के फार्मूले पर काम किया और उन्हें आइसोलेट किया। हमने लगातार परीक्षण किए।’ बीएमसी के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार धारावी की आबादी 8.5 लाख है।


क्षेत्र के कुल 8,500 लोगों को विभिन्न स्थानों पर सरकारी क्वारंटीन (एकांतवास) सुविधाओं में रखा गया था। बीएमसी ने 4,000 लोगों का परीक्षण किया है, जबकि धारावी में स्थापित बुखार शिविरों के माध्यम से 1,350 लोगों का परीक्षण किया गया।