प्रदेश के 38908 ग्राम पंचायतों में 16.77 लाख श्रमिकों को उपलब्ध कराया जा रहा है रोजगार-कैबिनेट मंत्री मोती


प्रदेश के 38908 ग्राम पंचायतों में 16.77 लाख श्रमिकों को उपलब्ध कराया जा रहा है रोजगार-कैबिनेट मंत्री मोती म
मनरेगा मजदूरों की समस्याओं के निराकरण हेतु मनरेगा प्रकोष्ठ लखनऊ में टोल फ्री हेल्पलाइन नम्बर जारी-कैबिनेट मंत्री मोती सिंह

  प्रदेश के ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम विकास विभाग मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘‘मोती सिंह’’ ने अवगत कराया है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के दृष्टिगत मनरेगा योजना द्वारा गांव में निवास कर रहे एवं बाहर से आये प्रवासी श्रमिकों के जीविकोपार्जन हेतु अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। कन्टेनमेंट जोन से बाहर 54 जनपदों के 44478 ग्राम पंचायतों में से 34771 ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्य प्रारम्भ करा दिया गया है। कन्टेनमेन्ट जोन से आच्छादित 21 जनपदों के 14428 ग्राम पंचायतों में हॉटस्पाट से बाहर 4137 ग्राम पंचायतों में भी कार्य संचालित किया जा रहा है। इस तरह प्रदेश के कुल 58906 ग्राम पंचायतों में से 38908 ग्राम पंचायतों में 16.77 लाख श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है, जोकि देश में मनरेगा श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने में दूसरे स्थान पर है।
  कैबिनेट मंत्री ने बताया है कि प्रदेश में कुल 1.69 लाख श्रमिक व्यक्तिगत लाभार्थीपरक कार्यो पर तथा 15.08 लाख श्रमिक सामुदायिक कार्यो पर कार्य कर रहे है। प्रदेश में कुल 103163 कार्य चल रहे है जिसमें व्यक्तिगत लाभार्थीपरक 56174 कार्य तथा सामुदायिक कार्य 46989 चल रहे है जैसे जल संरक्षण से सम्बन्धित 8482 कार्य, परम्परागत जल निकायों एवं जीर्णोद्धार से सम्बन्धित 1741 कार्य, बाढ़ नियंत्रण के 5173, भूमि समतलीकरण के 18017, सूक्ष्म सिंचाई के 3502, सम्पर्क मार्ग 4327, वृक्षारोपण हेतु अग्रिम मृदा कार्य 1790 एवं ग्रामीण अवस्थापना 819 इत्यादि कार्य है। बाहरी प्रदेशों एवं शहरों से वापस आये प्रवासी श्रमिकों के रोजगार की समस्या के दृष्टिगत अभियान चलाकर कुल 55346 श्रमिक परिवारों को नवीन जॉबकार्ड उपलब्ध कराया गया है तथा 22922 परिवारों के जॉबकार्ड का नवीनीकरण किया गया तथा 22331 श्रमिकों के नाम से पूर्व में निर्गत जॉब कार्ड से जोड़ा गया है। इसके साथ ही जिन परिवारों द्वारा जॉबकार्ड की मांग की जा रही है उन्हें जॉबकार्ड उपलब्ध कराने की निरन्तर कार्यवाही की जा रही है। उन्होने बताया है कि कार्यस्थल पर सोशल डिस्टेसिंग, हाथ धोने हेतु साबुन एवं पानी की व्यवस्था तथा होम मेड मास्क/गमछा की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाये।
  कैबिनेट मंत्री ने बताया है कि कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा मनरेगा के 27 लाख श्रमिकों को वित्तीय वर्ष 2019-20 का बकाया मजदूरी भुगतान रूपये 611.00 करोड़ राज्य निधि से किया गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में दिनांक 21 अप्रैल 2020 से कार्य प्रारम्भ करने के फलस्वरूप 48.94 करोड़ के एफ0टी0ओ0 श्रमिकों के मजदूरी भुगतान हेतु बैंकों को प्रेषित कर दिये गये है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में सामग्री एवं कुशल/अर्द्धकुशल की देयता का रूपये 1067 करोड़ का भुगतान दिनांक 29.04.2020 एवं 01.05.2020 को किया गया। इसी प्रकार तकनीकी सहायकों के आगामी माह के मानदेय भुगतान हेतु रूपये 10.56 करोड़ आरक्षित किया गया है। मनरेगा योजनान्तर्गत कार्यरत संविदा कार्मिकों के मानदेय भुगतान की समस्या के निराकरण हेतु राज्य स्तर पर पृथक प्रशासनिक निधि का खाता खोला गया है जिससे विगत 03 वर्षो यथा 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 के बकाया मानदेय एवं वर्तमान माह के मानदेय के भुगतान हेतु रूपये 240.00 करोड़ की धनराशि आरक्षित की गयी है। मनरेगा के सभी संविदा कार्मिकों के मानदेय का भुगतान मुख्यालय स्तर पर अतिशीघ्र संक्षिप्त कार्यक्रम आयोजित करते हुये सीधे कार्मिकों के खाते में किया जायेगा। उन्होने यह भी बताया है कि मनरेगा श्रमिकों के रोजगार/जॉबकार्ड एवं उनकी मांग के अनुसार कार्य उपलब्ध कराने तथा मनरेगा की अन्य समस्याओं के समाधान हेतु प्रत्येक जनपद में मनरेगा कन्ट्रोल रूम की स्थापना किये जाने के निर्देश दिये गये है। 60 जनपदों में कन्ट्रोल रूम संचालित किये जा रहे है। मनरेगा मजदूरों की समस्याओं के निराकरण हेतु प्रदेश के मनरेगा प्रकोष्ठ लखनऊ में टोल फ्री हेल्पलाइन नम्बर 18001805999 को संचालित किया जा रहा है जो कि सप्ताह के 06 कार्य दिवसों (सोमवार से शनिवार) को प्रातः 10 बजे से सायं 6 बजे तक संचालित की जाती है।