कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का भाजपा पर निशाना, कहा कोरोना के समय फैला रही नफरत के वायरस

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का भाजपा पर निशाना, कहा कोरोना के समय फैला रही नफरत के वायरस
लॉकडाउन के पहले चरण में ही 12 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए


नई दिल्ली ।   कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने देश में जारी कोरोना संकट से निपटने के लिए आंशिक कदम उठाए। उन्होंने कहा कि अभी भी कोरोना की जांच बहुत कम हो रही है। गांधी ने कहा कि लॉकडाउन के पहले चरण में ही 12 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए। उन्होेंने भाजपा पर नफरत के वायरस फैलाने का आरोप लगाया।  बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, 'लॉकडाउन की सफलता अंतत: कोविड-19 से निपटने की हमारी क्षमता से परखी जाएगी। कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई में केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग सफलता के लिए अहम है।' वहीं गांधी ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) और किसानों की मदद के लिए तत्काल राहत की घोषणा की जाए। उन्होंने कहा, 'तीन हफ्ते पहले हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद से अब तक कोरोना महामारी ज्यादा फैल गई है जो परेशान करने वाली बात है। समाज के हमारे कुछ वर्गों खासकर किसानों, मजदूरों, प्रवासी कामगारों, निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों और असंगठित क्षेत्र के लोगों को बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ा है। उनके मुताबिक वाणिज्य एवं उद्योग और व्यापार पूरी तरह से रुक गया है और करोड़ों लोगों की जीविका का साधन छिन गया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया, 'दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र की तरफ से अभी आंशिक कदम उठाए गए हैं। जो करुणा, बड़ा दिल और सजगता दिखनी चाहिए थी उसका अभाव है।' उन्होंने बैठक में कहा कि भाजपा उस समय नफरत और सांप्रदायिक पूर्वाग्रह के वायरस फैला रही है जब सभी को एक साथ कोरोना वायरस से लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा 'हमने प्रधानमंत्री से बार बार आग्रह किया है कि कोरोना वायरस की जांच करने, मरीज के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने और उन्हें पृथकवास में रखने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि जांच अभी भी बहुत कम हो रही हैं और जांच किट की आपूर्ति भी कम है और जो उपलब्ध हैं वो भी अच्छी गुणवत्ता वाली नहीं है। उन्होंने यह दावा भी किया कि पीपीई किट की संख्या कम और गुणवत्ता खराब है। सोनिया ने कहा, 'किसान गंभीर कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। उपज की खरीद की कमजोर और अस्पष्ट नीतियों और बाधित आपूर्ति के मुद्दों का बिना विलंब किए समाधान करने की जरूरत है। खरीफ की फसल के लिए किसानों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उन्होंने कहा 'लॉकडाउन के पहले चरण में 12 करोड़ लोगों का रोजगार खत्म हो गया है। बेरोजगारी आगे बढ़ सकती है क्योंकि आर्थिक गतिविधियां रुकी हुई हैं। ऐसे में हर परिवार को 7500 हजार रुपये प्रदान करने की जरूरत है। सोनिया ने सरकार से आग्रह किया, 'एमएसएमई क्षेत्र से करीब 11 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं। वे हमारी जीडीपी में एक तिहाई का योगदान देते हैं। अगर उन्हें आर्थिक बर्बादी से बचाना है तो उनके लिए तत्काल विशेष पैकेज की घोषणा करनी होगी।