लखनऊ,22 अप्रैल। रमजान में सहरी और रोजा इफ्तार घरों में मनाने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपील का मुस्लिम धर्मगुरुओं ने पूरा समर्थन किया है।
मुस्लिम धर्मगुरुओं ने मुख्यमंत्री की अपील पर अपने समुदाय के लोगों से घरों में रहकर ही रमजान मनाने की अपील की है। अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बुधवार को यहां लोकभवन में संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रमजान में मुस्लिम समाज से घरों में ही रोजा इफतार और सहरी करने को कहा था जिसका मुस्लिम धर्म गुरूओं ने समर्थन किया। उन्होंने बताया कि 10 से अधिक कोरोना वायरस मामलों वाले जिलों की विशेष रूप से समीक्षा की गयी है और इन जिलों में लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने बुधवार को अपनी कोर टीम के सदस्यों के साथ बैठक करते हुए कहा कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाए।
मुख्यमंत्री ने आपूर्ति चेन में काम कर रहे लोगों की मेडिकल जांच कराने का निर्देश भी दिया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में जांच प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाई जा रही है और अलीगढ़, मुरादाबाद तथा सहारनपुर में प्रयोगशाला स्थापित करने की स्वीकृति दी गयी है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सहायता कोष का नाम बदल कर अब मुख्यमंत्री कोविड केयर फंड हो गया है। इस फंड से प्रदेश की त्रिस्तरीय चिकित्सा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर खेती से जुड़े सभी संसाधनों को लॉकडाउन से बाहर रखा गया है। कटाई में शामिल सभी प्रकार के संसाधनों को लॉकडाउन से छूट के आदेश जारी किए जा रहे हैं।
प्रदेश में करीब 77 प्रतिशत गेहूं की कटाई हो गई है। इसी प्रकार गन्ने की कटाई भी लगभग पूरी हो गई है। पूरे प्रदेश में 30 लाख क्विंटल गेहूं की खरीद कर प्रदेश सरकार ने नई उपलब्धि हासिल की है। इसमें बड़ी बात यह है कि 62 प्रतिशत गेहूं की खरीद मंडी के बाहर यानि हुई है। अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि जो लोग प्रदेश में बाहर से आए हैं, उनकी निगरानी की जाए। आने वाले हर जरूरतमंद की सहायता की जाए। उन्होंने बताया कि सीएम हेल्पलाइन द्वारा कोटा से आए बच्चों का हालचाल लिया गया है। मुख्यमंत्री ने उन सभी बच्चों को घरों में पृथक रखने का निर्देश दिया है।