कौशाम्बी। विधानसभा चुनाव को अभी लगभग दो वर्ष समय शेष है लेकिन अभी से राजनैतिक दल के नेता मीटिंग सभा कर अपनी ताकत का एहसास मतदाताओ के बीच कराने का प्रयास कर रहे है।
कभी बहुजन समाज पार्टी के धुरन्धर नेता समझे जाने वाले इन्द्रजीत सरोज कई बार मंझनपुर विधानसभा से जीत का परचम लहराने के बाद प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद पर भी आसीन हुए है लेकिन अचानक परिस्थितिया विपरीत हुयी और इन्द्रजीत सरोज का बसपा से नाता टूट गया। अब इन्द्रजीत सरोज ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है और जिले में समाजवादी पार्टी की नैया पार लगाने का जिम्मा सपा मुखिया ने इन्द्रजीत सरोज को सौपा है
इन दिनो समाजवादी पार्टी द्वारा सपा कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन कर अपनी ताकत का एहसास मतदाताओ को बीच कराया जा रहा है। इसी क्रम में शनिवार को मंझनपुर विधानसभा क्षेत्र के मेडरहा गांव में समाजवादी पार्टी का बूथ लेवल कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित था
इस सम्मेलन में समाजवादी के निष्ठावान कार्यकर्ता पुराने विचार धारा के सपाई के साथ साथ समाजवादी की रीढ समझे जाने वाले नेता सभा स्थल से गायब थे पूरी सभा स्थल पर बसपा में रहते हुए इन्द्रजीत सरोज का जयकारा लगाने वाले कुछ बसपाई ही हाबी थे बसपा से आये कुछ नेताओ को जहॉ पूर्व कबीना मंत्री सपा में आगे बढाकर सपा को मजबूत करना चाहते है वही विधानसभा में पुराने बसपाइयों को टिकट देने की कवायद की जा रही है
वही कुछ उनके खासम खास बसपाईयो को सपा के धुरन्धर हजम नही कर पा रहे है सपा के धुरन्धरो को सम्मान न मिलने से सपा के मूल मतदाता और कार्यकर्ता सपा से दूरी बनाते दिख रहे है चर्चा तो यहा तक है कि सपा के हर आन्दोलन में शामिल होने वालो को किनारे लगाये जाने की योजना के तहत उन्हे उपेक्षित किया जा रहा है लेकिन चन्द बसपाईयो के सहारे क्या भाजपा के इस मजबूत किले को सपा ढहा पायेगी यह सपा के लिए बडा सवाल है।