14 अप्रैल को पूरा होगा 21 दिन का लॉकडाउन, आज रात 12 बजे से घर से बाहर निकलना बंद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को किया संबोधित, कहा निर्देशों का पालन करें
अफवाहों से बचने की जरूरत: पीएम मोदी


नई दिल्ली ।     कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सप्ताह के अंदर दूसरी बार राष्ट्र को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले 21 दिन हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। इसलिए आज रात 12 बजे से पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन होने जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना से बचने का इसके अलावा कोई तरीका नहीं है, कोई रास्ता नहीं है। कोरोना को फैलने से रोकना है, तो इसके संक्रमण की सायकिल को तोड़ना ही होगा। किसी भी तरह का खिलवाड़, आपके जीवन को और खतरे में डाल सकता है। मुझे विश्वास है हर भारतीय संकट की इस घड़ी में सरकार के, स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करेगा। 21 दिन का लॉकडाउन, लंबा समय है, लेकिन आपके जीवन की रक्षा के लिए, आपके परिवार की रक्षा के लिए, उतना ही महत्वपूर्ण है। लेकिन साथियों, ये भी ध्यान रखिए कि ऐसे समय में जाने-अनजाने कई बार अफवाहें भी फैलती हैं। मेरा आपसे आग्रह है कि किसी भी तरह की अफवाह और अंधविश्वास से बचें। मेरी आपसे प्रार्थना है कि इस बीमारी के लक्षणों के दौरान, बिना डॉक्टरों की सलाह के, कोई भी दवा न लें। मैंने राज्य सरकारों से अनुरोध किया है कि इस समय उनकी पहली प्राथमिकता, सिर्फ और सिर्फ स्वास्थ्य सेवाएं ही होनी चाहिए, हेल्थ केयर ही प्राथमिकता होनी चाहिए। इससे कोरोना से जुड़ी टेस्टिंग फेसिलिटीज,पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्वीपमेंट्स, आइसोलेशन बेड्स, आईसीयू बेड्स, वैंटिलेटर्स और अन्य जरूरी साधनों की संख्या तेजी से बढ़ाई जाएगी। अब कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए, देश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने आज 15 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। कोरोना वैश्विक महामारी से बनी स्थितियों के बीच, केंद्र और देशभर की राज्य सरकारें तेजी से काम कर रही है। रोजमर्रा की जिंदगी में लोगों को असुविधा न हो, इसके लिए निरंतर कोशिश कर रही हैं। आप उन लोगों के लिए प्रार्थना करिए जो आपकी सोसायटी, आपके मोहल्लों, आपकी सड़कों, सार्वजनिक स्थानों को सैनिटाइज करने के काम में जुटे हैं, जिससे इस वायरस का नामो-निशान न रहे। उन डॉक्टर्स, उन नर्सेस, पैरा-मेडिकल स्टाफ, पैथोलॉजिस्ट के बारे में सोचिए, जो इस महामारी से एक-एक जीवन को बचाने के लिए, दिन रात अस्पताल में काम कर रहे हैं। साथियों, ये धैर्य और अनुशासन की घड़ी है। जब तक देश में लॉकडाउन की स्थिति है, हमें अपना संकल्प निभाना है, अपना वचन निभाना है। भारत आज उस स्टेज पर है जहां हमारे आज के एक्शन तय करेंगे कि इस बड़ी आपदा के प्रभाव को हम कितना कम कर सकते हैं। ये समय हमारे संकल्प को बार-बार मजबूत करने का है।