आधार से लिंक न होने पर पैन कार्ड नहीं होगा रद्द


गुजरात हाईकोर्ट ने हाल में अपने एक आदेश में कहा है कि पैन कार्ड के आधार से लिंक नहीं होने पर यह रद्दी नहीं होगा। उच्च न्यायालय ने कहा है कि आधार अधिनियम की वैधता फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। जब तक सर्वोच्च न्यायालय इस पर अंतिम फैसला नहीं ले लेता है, तब तक आयकर विभाग इसको लिंक कराने का आदेश नहीं दे सकता है। 

डेडलाइन बढ़ाना भी अवैध


हाईकोर्ट ने कहा है कि आयकर विभाग द्वारा पैन-आधार लिंक को बार-बार बढ़ाने के लिए डेडलाइन जारी करना भी अवैध है। न्यायमूर्ति हर्षा देवानी और न्यायमूर्ति संगीता के. विसेन की पीठ ने कहा कि आयकर अधिनियम की 139 एए तब तक वैध नहीं है, जब तक रोजर मैथ्यू बनाम साउथ इंडियन बैंक लिमिटेड मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय नहीं आ जाता है और उपलब्ध नहीं हो जाता है। अभी विभाग ने 31 मार्च 2020 नई डेडलाइन तय कर दी थी। इससे पहले विभाग कई बार डेडलाइन को आगे बढ़ा चुका था। 
 

अदालत ने कहा कि आधार अधिनियम की वैधता को इस सवाल के रूप में अभी अंतिम रूप नहीं मिला है कि क्या इसे ''मनी बिल'' के रूप में पेश करके सही किया गया था? इस सवाल पर सुप्रीम कोर्ट अभी भी रोजर मैथ्यू बनाम साउथ इंडियन बैंक लिमिटेड एंड अदर्स, सीए.नंबर 8588/2019 नामक मामले में विचार कर रही है। 

खो सकती है गोपनीयता


अदालत ने बंदिश सौरभ सोपारकर की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला 17 जनवरी को दिया था। हाईकोर्ट ने आगे कहा कि पैन कार्ड को निष्क्रिय घोषित नहीं किया जाएगा और उसे किसी भी कार्यवाही में केवल इस कारण से डिफॉल्ट नहीं माना जाएगा, क्योंकि उसका पैन आधार से जुड़ा नहीं है। जब तक कि रोजर मैथ्यू बनाम साउथ इंडियन बैंक मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आता है और उपलब्ध नहीं हो जाता है, तब तक ऐसा ही रहेगा। अगर आवेदक आधार कार्ड की जानकारी आयकर विभाग को देता है तो फिर उसकी पूरी निजी गोपनीय जानकरी खो सकती है।