अयोध्या में जय श्रीराम बोलने वाले हाजी सईद के मस्जिद में माफी मांगने का वीडियो शनिवार को वायरल हुआ। उसने एक सितंबर को तपस्वी छावनी में आयोजित राम नाम जप में हिस्सा लिया था। जिसके बाद लोग उसे काफिर कहने लगे थे और बात-बात में ताने देते थे।
तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने अयोध्या मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक सितंबर को राम नाम जप का आयोजन किया था। इसका उद्देश्य मंदिर निर्माण के मार्ग में आ रही बाधाओं को दूर करना था। इसमें कई मुस्लिमों ने भी हिस्सा लिया था। कार्यक्रम की फोटो और वीडियो सार्वजनिक होने के बाद लोगों को मामले की जानकारी हुई थी। जिसके बाद वजीरगंज निवासी मोहम्मद हाजी सईद को उलाहना और ताने मिल रहे थे। हाजी सईद का कहना है कि जय श्री राम का नारा लगाने के कारण उसे धर्म से बाहर कर दिया गया था। लोग उन्हें काफिर कहने लगे थे और हिंदू बताने लगे जबकि अल्लाह ही उनका खुदा है। उन्होंने अदब और आदर के चलते जय श्री राम का नारा लगाया था।
तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने अयोध्या मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक सितंबर को राम नाम जप का आयोजन किया था। इसका उद्देश्य मंदिर निर्माण के मार्ग में आ रही बाधाओं को दूर करना था। इसमें कई मुस्लिमों ने भी हिस्सा लिया था। कार्यक्रम की फोटो और वीडियो सार्वजनिक होने के बाद लोगों को मामले की जानकारी हुई थी। जिसके बाद वजीरगंज निवासी मोहम्मद हाजी सईद को उलाहना और ताने मिल रहे थे। हाजी सईद का कहना है कि जय श्री राम का नारा लगाने के कारण उसे धर्म से बाहर कर दिया गया था। लोग उन्हें काफिर कहने लगे थे और हिंदू बताने लगे जबकि अल्लाह ही उनका खुदा है। उन्होंने अदब और आदर के चलते जय श्री राम का नारा लगाया था।
राष्ट्रवादी मुसलमान को काफिर कहना लोकतंत्र के लिए खतरा
सईद का कहना है कि वह नमाज के लिए मस्जिद गये थे इसी दौरान उन्होंने स्वेच्छा से अल्लाह से माफी मांग ली। हालांकि वह अब भी अपने ऊपर खतरे से इनकार नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग उन्हें अंजाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं।
वहीं तपस्वी छावनी में राम मंदिर निर्माण की बाधाओं को दूर करने के लिए हवन पूजन और अनुष्ठान कराने वाले परमहंस दास ने फोन पर बताया कि राम का नाम का जाप करने वाले राष्ट्रवादी मुसलमान को काफिर करार दिया जा रहा है। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। प्रभु श्री राम ने पूरे समाज को मर्यादा का संदेश दिया वह किसी धर्म विशेष से बंधा नहीं है। परमहंस ने मांग रखी है कि ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं राम नाम जप कार्यक्रम में शामिल बबलू खान ने कहा कि हम लोगों ने भी उस कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। राम मंदिर निर्माण में जो बाधाएं आ रहीं थीं उन्हें दूर करने के लिए हम सब मिलकर रामनाम का जाप कर रहे थे। कुछ कट्टरपंथी अयोध्या में सौहार्द बिगाड़ना चाहते हैं।
वहीं तपस्वी छावनी में राम मंदिर निर्माण की बाधाओं को दूर करने के लिए हवन पूजन और अनुष्ठान कराने वाले परमहंस दास ने फोन पर बताया कि राम का नाम का जाप करने वाले राष्ट्रवादी मुसलमान को काफिर करार दिया जा रहा है। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। प्रभु श्री राम ने पूरे समाज को मर्यादा का संदेश दिया वह किसी धर्म विशेष से बंधा नहीं है। परमहंस ने मांग रखी है कि ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं राम नाम जप कार्यक्रम में शामिल बबलू खान ने कहा कि हम लोगों ने भी उस कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। राम मंदिर निर्माण में जो बाधाएं आ रहीं थीं उन्हें दूर करने के लिए हम सब मिलकर रामनाम का जाप कर रहे थे। कुछ कट्टरपंथी अयोध्या में सौहार्द बिगाड़ना चाहते हैं।