कौशांबी । बालू के खनन के मामले में पट्टा धारक पूरी तरह से राजनीति के चलते आला अधिकारियों पर भारी पड़ते दिख रहे हैं यमुना नदी से बालू की निकासी को लेकर जिन्हें सरकार ने यमुना नदी से बालू की निकासी की जिम्मेदारी सौंपी है अवैध निकासी कर वह मालामाल हो रहे हैं तमाम बालू पट्टा धारक सरकारी खजाने में खनन का बकाया राजस्व भी नहीं जमा कर रहे हैं लेकिन फिर भी खनन अधिकारी उनके रवाना बुक को जारी करने से इनकार नहीं कर रहे हैं
जिससे बालू का खनन नहीं रुक रहा है बालू पट्टा धारकों के ऊपर खनन विभाग ने राजस्व की वसूली जारी कर रखी है लेकिन बालू पट्टा धारकों से राजस्व की वसूली भी नहीं हो सकी है सरकारी खजाने को चपत लगाकर यमुना नदी से बालू बेचने वाले बालू का बकाया शुल्क नही जमा कर रहे हैं बकायेदार पट्टा धारकों पर सरकारी मशीनरी का शिकंजा कसता नहीं दिख रहा है
चायल तहसील के दिया बालू घाट के पट्टा धारक पर भी पांच करोड़ रुपए से अधिक खनन का राजस्व बकाया है उस पट्टा धारक के खनन पर सरकार अभी तक रोक नहीं लगा सकी है जो पूरी व्यवस्था पर बड़ा सवाल है एक तरफ बालू पट्टा धारक सरकार के राजस्व को बिना जमा किए रमन्ना लेकर यमुना नदी से बालू निकासी कर बेच रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ सूत्र बताते हैं कि बालू पट्टा धारकों द्वारा अवैध तरीके से निर्धारित क्षमता से अधिक बालू का खनन बेखौफ तरीके से कराया जा रहा है यहां तक कि कई बार अपने निश्चित स्थान से हटकर यमुना नदी से बालू खनन कारोबारी कर रहे हैं लेकिन खनन अधिकारी बालू पट्टा धारकों के सारे गुनाह को नजरअंदाज कर मालामाल हो रहे हैं जो जांच का विषय है और अवैध खनन और बकाया राजस्व ना जमा करने सहित बालू खनन में हो रही गड़बड़ी के मामले में शासन ने जांच कराई तो बालू खनन का खेल उजागर होना तय है।