महात्मा गांधी के संदेश के साथ विरोधियों को जवाब देने पहली बार लखनऊ में सड़क पर उतरी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को प्रशासन ने बोलने की अनुमति तो नहीं दी मगर राजधानी में करीब ढाई किलोमीटर की मौन गांधी संदेश यात्रा में अपनी मुस्कान से ही सब कुछ कह गईं।
राजधानी में प्रियंका के पहले मार्च में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हुजूम उमड़ पड़ा। कार्यकार्ताओं के उत्साह को देखकर पुलिस-प्रशासन की हालत पतली रही। यही वजह रही कि यात्रा समाप्त होने के बाद जब प्रियंका का काफिल जब विधानसभा की ओर रवाना हुआ तो भीड़ को पुलिस ने बैरीकेड कर रोक दिया।
पुलिस को डर था कि कहीं उत्साही हुजूम भाजपा कार्यालय के सामने रुककर जोश न दिखाने लगे। यात्रा में हजरतगंज स्थित दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर पर रुक कर उन्होंने नमन भी किया। कई नेताओं का कहना था कि प्रियंका को कई दिन से बुखार था मगर, पदयात्रा में उनकी तेजी से ऐसा दिखा नहीं।
पहले गांधी के बताए पथ पर चले, फिर बात करे भाजपा
मौन यात्रा में प्रियंका सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं बोलीं पर मीडिया से बातचीत में उन्होंने चिन्मयानंद-छात्रा प्रकरण को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। कहा कि- भाजपा पहले पहले बापू के बताए सत्य के पथ पर चले, फिर बात करे।
शाहजहांपुर की पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस संकल्पित : प्रियंका
मीडिया से बातचीत में प्रियंका ने कहा कि आज पूरे प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। प्रदेश में अपराधी अपराध करने के बाद सरकार की शरण में चले जाते हैं और सरकार उनकी शरणदाता बन जाती है।
आज जिस तरह से यूपी में महिलाओं के विरूद्ध जिस तरह से अपराध बढ़ रहे हैं, वह चिंता का विषय है। शाहजहांपुर की रेप पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस संकल्पित है। जिस तरह से योगी सरकार चिन्मयानंद को बचा रही है और पीड़िता को प्रताड़ित कर रही है वह निश्चित ही चिंता का विषय है।
कांग्रेस प्रदेश में बच्चियों एवं महिलाओं के सम्मान के लिए सड़क पर एक लंबा संघर्ष करेगी और भाजपा सरकार को इस विषय पर हर तरह से घेरेगी। यूपी में एक नई संस्कृति का जन्म हो गया है जिसमें अपराधी अपराध करने के बाद मजे में रहते हैं और पीड़िता/पीड़ित सरकार के द्वारा दंडित किए जाते हैं।
सरकार द्वारा उनकी आवाज दबा दी जाती है। उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से एक रसूखदार व्यक्ति पर सत्ता के करीबी होने के कारण बलात्कार का मुकदमा तक दर्ज नहीं होता और उल्टे पीड़िता को ही जेल भेज दिया जाता है वह शर्मनाक है।
शहीद स्मारक स्थल पर भीड़ की धक्का-मुक्की, कई चोटिल
प्रियंका की गांधी संदेश यात्रा शहीद स्मारक से शुरु होनी थी। इसके लिए यहां पर सुबह से हजारों की तादाद में पार्टी कार्यकर्ता जुटे थे। शहीद स्मारक स्थल पर आकर प्रियंका को पुष्प अर्पित करने थे। इसके लिए जब वहां पर वह आईं तो पहले से ही वहां पर मौजूद नेता, कार्यकर्ताओं और मीडिया कर्मियों की भीड़ से धक्का-मुक्की शुरू हो गई।
यह देख सुरक्षाकर्मियों ने भीड़ को पीछे धकेला तो भगदड़ हो गई और स्मारक स्थल चबूतरे पर खड़े छाया पत्रकार सहित कई कार्यकर्ता गिरने से चोटिल हो गए। यह जान प्रियंका छाया पत्रकार को देखने उसके पास आईं और बात की।
प्रदेश मुख्यालय पर नहीं हुई सभा, गांधी प्रतिमा से वापस लौट गईं प्रियंका
यात्रा के बाद प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर एक सभा होनी थी मगर गांधी प्रतिमा पर ही संदेश यात्रा की अनुमति का समय पूरा हो जाने से वह वहीं से वापसी से के लिए सीधे एयरपोर्ट चली गईं। इसकी जानकारी कार्यकर्ताओं को बाद में मिली।
इससे जो कार्यकर्ता प्रियंका को सुनने मुख्यालय पर जमा थे उनको मायूस होना पड़ा। वहीं कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने यात्रा समाप्त होने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि कुछ लोग राष्ट्रपिता बनने की कोशिश कर रहे हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी थे, हैं और रहेंगे।