कांग्रेस ने देश के आर्थिक हालात के मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए कमर कस ली है। जानकारी के अनुसार कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार के खिलाफ नवंबर के पहले सप्ताह से देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेगी।
बता दें कि देश-विदेश के बड़े वित्तीय संस्थाओं द्वारा भारत की विकास दर के अनुमान को घटाने के बाद से कांग्रेस पार्टी सरकार पर और हमलावर हो गई है। पार्टी ने महंगाई से लेकर रोजगार तक के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है।
हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत की वित्त वर्ष 2019-20 में रहने वाली विकास दर के अनुमान को घटा दिया । आईएमएफ के ताजा अनुमान के मुताबिक भारत की जीडीपी इस साल 6.1 फीसदी की रफ्तार से ग्रोथ करेगी। इससे पहले अप्रैल में इसके 7.3 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया गया था।
आईएमएफ से पहले विश्व बैंक ने भी जीडीपी का अनुमान घटाकर के छह फीसदी कर दिया था। विश्व बैंक के अनुसार, भारत की विकास दर छह फीसदी रह सकती है। जबकि साल 2018-19 में वृद्धि दर 6.9 फीसदी थी। विश्व बैंक का कहना है कि साल 2021 में वृद्धि दर दोबारा 6.9 फीसदी पर आ सकती है। वहीं 2022 में इसमें और भी सुधार हो सकता है। साल 2022 में भारत की विकास दर 7.2 फीसदी पर रहने का अनुमान है।
इससे पहले अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था बेहद खराब स्थिति में है। उन्होंने कहा कि उपलब्ध आंकड़े यह भरोसा नहीं जगाते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था इतनी जल्द सुधरने वाली है।
इन सभी संस्थाओं के रिपोर्ट के बाद से मोदी सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है और विपक्ष इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश में है।