टाइपिंग टेस्ट में 70 अभ्यर्थियों को पास कराया गया 20 हजार रुपये घूस लेकर 


चकबंदी विभाग में पदोन्नति भर्ती परीक्षा घोटाला एक अन्य आरोपित गिरफ्तार। हजरतगंज पुलिस ने आरोपित के पास से बरामद किए 1130000 लाख रुपये।


लखनऊ । चकबंदी विभाग में पदोन्नति भर्ती परीक्षा में प्रति व्यक्ति 20 हजार रुपये घूस लेकर 70 अभ्यर्थियों को टाइपिंग टेस्ट पास कराया गया था। शुक्रवार को यह राजफाश हजरतगंज पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए गिरोह के सदस्य अशोक कुमार यादव ने किया। साइबर क्राइम सेल की टीम ने उसे बापू भवन तिराहे से गिरफ्तार कर उसकी निशानदेही पर घूस के 11,30,000 लाख रुपये बरामद कर लिए हैं। 


एएसपी पूर्वी सुरेश चंद्र रावत ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित अशोक यादव सरोजनीनगर के बिजनौर रहिमाबाद का रहने वाला है। पूछताछ के दौरान उनसे बताया कि उसने 70 लोगों को टाइपिंग टेस्ट परीक्षा पास कराने के लिए प्रति व्यक्ति 20 हजार रुपये लिए थे। उसके पास घूस के करीब 15 लाख रुपये थे। जिसमे से 3.70 लाख रुपये खर्च हो गए। चकबंदी विभाग में पदोन्नति भर्ती परीक्षा घोटाले की जब रिपोर्ट दर्ज हुई है उसके बाद से आरोपित अशोक समेत कई अन्य फरार चल रहे थे। उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही थी। इसके पूर्व अपर संचालक चकबंदी सुरेश सिंह यादव को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।


दबाव बनाया था किसी भी हाल में पास कराओ परीक्षा 


 


एएसपी ने बताया कि अशोक यादव का कहना है कि उस पर अपर चकबंदी संचालक सुरेश सिंह और चयन समिति के अन्य सदस्यों ने काफी दबाव बनाया था। उन्होंने कहा कि जिन 70 अभ्यर्थियों से रुपये लिए गए हैं उन्हें किसी भी हाल में टाइपिंग टेस्ट परीक्षा पास करानी होगी। 


पत्नी से बात करने में हुआ गिरफ्तार 


 


सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि आरोपित अशोक यादव ने अपना सिम बंद कर दिया था। पर वह एक दूसरे सिम से लगातार उसी मोबाइल से पत्नी से बात कर रहा था। इस बीच आइएमइआइ को रन कराकर लोकेशन ट्रेस की गई उसके आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया। 


यह था मामला


चकबंदी विभाग में पदोन्नति परीक्षा भर्ती परीक्षा में अनियमितता पाए जाने पर शासन ने पूरे मामले की जांच कराई थी। अफसरों समेत कई कर्मचारियों पर घूस लेकर भर्ती का दोष सिद्ध हुआ था। मामले में मुख्यमंत्री ने सख्त आदेश देते हुए अपर चकबंदी संचालक सुरेश सिंह समेत चयन समिति के अन्य सदस्यों के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले में पुलिस ने लापरवाही बरती जिसके कारण आरोपितों ने न्यायालय से स्टे ले लिया था। इसके बाद हजरतगंज पुलिस पर गंभीर आरोप लगे थे।