लोजपा सांसद चिराग पासवान ने कबूल किया है कि उन्हें राजनीति में परिवारवाद का फायदा मिला है। उन्होंने पीएम मोदी व सीएम नीतीश से लेकर अपनी शादी तक के बारे में बेबाक बातचीत की।
पटना । बिहार की जमुई संसदीय सीट से लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) सांसद सह पार्टी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने माना कि राजनीति में परिवारवाद है। उन्होंने कबूल किया कि उन्हें रामविलास पासवान का बेटा होने का फायदा मिला है। उन्होंने यह भी माना कि उपेंद्र कुशवाहा के राजग छोडऩे से उनकी पार्टी को फायदा हुआ। चिराग पासवान ने से बातचीत में निजी जिंदगी से लेकर राजनीति तक खुलकर बातें कीं। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश...
प्रश्न- हाजीपुर लोकसभा के लिए लोजपा का उम्मीदवार कौन होगा? आपकी मां या चाचा...?
उत्तर- हाजीपुर लोकसभा सीट हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। इसके लिए उम्मीदवार पार्टी की संसदीय कमेटी की बैठक में तय किया जाएगा। जहां तक मां की उम्मीदवारी की बात है तो वे शुरू से ही राजनीति से दूर रहीं हैं। आज भी उनका यही फैसला है। वे घर-परिवार संभालना और लोगों के लिए काम करना चाहती हैं। चाचा पशुपति पारस भी पार्टी के लिए काम करना चाहते हैं, वे बिहार सरकार में मंत्री हैं। वे भी लोकसभा चुनाव लडऩे के लिए ज्यादा उत्साहित नहीं हैं।
प्रश्न- सक्रिय राजनीति में आए आपको पांच साल हो गए। इन पांच सालों का अनुभव कैसा रहा?
उत्तर- अनुभव खेट्टे-मीठे रहे, बहुत कुछ सीखने को मिला। मैं अभी सीख ही रहा हूं। सक्रिय राजनीति में आने पर आपकी जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं आपसे पार्टी की अपेक्षाएं बढ़ जाती हैं। अबतक का अनुभव काम करके हासिल किया। अपने काम के प्रति ईमानदार रहा। संतोष है कि जो करना चाहता था, वो कर सका।
प्रश्न- क्या आपको नहीं लगता कि राजनीति में आपको रामविलास पासवान का बेटा होने का फायदा मिला है?
उत्तर- हां, कबूल करता हूं कि मुझे रामविलास पासवान का बेटा होने का फायदा मिला है। मुझे राजनीति विरासत में मिली है। लेकिन यह भी सच है कि राजनीति में आपको जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना होता है। अपने काम से लोगों के बीच खुद के लिए जगह बनानी पड़ती है। इसके बिना राजनीति में स्थान बनाए रखना मुश्किल है।
प्रश्न- पटना में पीएम मोदी की रैली हो चुकी। लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां कैसी हैं? क्या उम्मीद है?
उत्तर- राजग की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पटना आए। रैली सफल रही, इसे जनता का भारी समर्थन मिला। लोगों का जोश देखते हुए इतना तो तय है कि अगली सरकार राजग की ही बनेगी। इस बार हम रिकॉर्ड जीत हासिल करेंगेे। विपक्ष कितनी भी कोशिश कर ले, हमारा गठबंधन मजबूत है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजग जीत दर्ज करेगा। जहां तक तैयारियों की बात है, राजग में चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा भी पहले हो गया है, अब जल्द ही प्रत्याशियों की भी घोषणा कर दी जाएगी।
प्रश्न- सीट शेयरिंग के समय मुद्दों को लेकर भाजपा से आपकी तल्खी दिखी थी। क्या वह सीटों के लिए दबाव बनाने का दांव था?
उत्तर- ऐसा नहीं है। शायद अपनी बात सामने रखने की टाइमिंग गलत हो गई, जिससे ये विवाद उठा था कि चिराग सीटों की संख्या को लेकर दबाव बना रहे हैं। अयोध्या मामला भाजपा का अपना एजेंडा है, राजग का नहीं। यह जनता की भावना से जुड़ा मुद्दा है। मेरा मानना है कि इसे भाजपा, राजग का एजेंडा न बनाए। रही बात नोटबंदी की, तो जब मैं अपने क्षेत्र जाता था तो लोग तमाम तरह के सवाल पूछते थे। इन्हें लेकर मैंने पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) को पत्र भी लिखा था, जिसका मुझे जवाब मिल गया। गठबंधन में सभी सहयोगियों का एजेंडा अलग अलग होता है।
प्रश्न- उपेंद्र कुशवाहा के राजग छोडऩे से गठबंधन को कितना नुकसान हुआ? आपको क्या फायदा हुआ?
उत्तर- उपेंद्र कुशवाहा के राजग छोडऩे का फायदा तो जरूर मिला। हमें सीटें ज्यादा मिलीं। जहां तक नुकसान की बात है तो राजग को उनके जाने से कोई नुकसान नहीं हुआ है। उन्होंने महागठबंधन में जाना पहले ही तय कर लिया था। लेकिन जाने से पहले खुद की ही काफी किरकिरी करवा ली। इससे उन्हें खुद नुकसान हुआ है।
प्रश्न- राजग के अगले पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी ही होंगे, यह तय है। लेकिन क्या आप मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में भी इस पद की काबिलियत पाते हैं? आपकी नजर में क्या सीएम नीतीश कुमार पीएम मैटेरियल हैं?
उत्तर- प्रधानमंत्री पद के लिए तो 2024 तक कोई वैकेंसी ही नहीं है। नरेंद्र मोदी देश संभाल रहे हैं और उनके नेतृत्व में देश दिनोंदिन तरक्की कर रहा है। नीतीश कुमार भी बिहार संभाल रहे हैं और बिहार विकास की नयी गाथाएं लिख रहा है। दोनों नेताओं के नेतृत्व का देश और बिहार को फायदा मिल रहा है। नीतीश कुमार ने बिहार के लिए जो किया है, वो कोई और नहीं कर सकता था। उन्होंने बिहार को गर्त से निकालकर विकास की धारा से जोडऩे का काम किया है। आज बिहार की अपनी पहचान है। राष्ट्रीय स्तर से निकलकर बिहार आज अन्तराष्ट्रीय पहचान बना चुका है, ये बस नीतीश कुमार जी से ही संभव हो सकता था।
प्रश्न- लोकसभा चुनाव के बाद फिर विधानसभा का चुनाव। क्या आपको नहीं लगता कि दोनों चुनाव एकसाथ होने चाहिए?
उत्तर- हां, दोनों चुनाव एक साथ होने ही चाहिए। इससे धन और समय की बचत होगी। परेशानियां कम होंगीं। जिस तरह हमने बैलेट पेपर से निकलकर ईवीएम तक का सफर हमने तय किया है, उसी तरह आने वाले समय में लगता है कि जल्द ही दोनों चुनाव एक साथ ही होंगे।
प्रश्न- आप और तेजस्वी यादव दोनों बिहार की राजनीति के दो युवा चेहरे हैं। तेजस्वी यादव को अपने कितना समानांतर पाते हैं?
उत्तर- तेजस्वी मेरे छोटे भाई की तरह हैं। वे अपनी पार्टी के लिए बेहतर काम कर रहे हैं। भले ही पढ़ाई उन्होंने ज्यादा न की हो, लेकिन उनकी मेहनत व राजनीतिक परिपक्वता साफ झलकती है। वे अपना काम कर रहे हैं, मैं अपना। उनसे मेरा क्या मुकाबला? उन्हें अभी बहुत कुछ सीखना है और वे सीख भी रहे हैं।
प्रश्न- पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक से लोग बहुत उत्साहित हैं। लोगों का उत्साह देखकर आपको कैसा लगता है ?
उत्तर- इस बारे में तो बस इतना ही काफी है कि जोश इज टू हाई..., सर्जिकल स्ट्राइक आतंक पर कार्रवाई के लिए लिया गया बड़ा फैसला था। आतंकियों को सबक सिखाना जरूरी था। केंद्र में रहते हुए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार ने कभी इतना बड़ा कलेजा नहीं दिखाया, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ने ये कर दिखाया। इसकी तारीफ पूरी दुनिया कर रही है। इस फैसले ने देश की जनता को भरोसा दिलाया है कि बेवजह अब हमारे सैनिक नहीं मारे जाएंगे, अब करारा जवाब दिया जाएगा।
प्रश्न- बिहार बालिका गृह कांड मामले को लेकर बिहार की नीतीश सरकार की काफी किरकिरी हुई है। क्या आपको नहीं लगता कि यह राज्य सरकार के दामन पर लगा गहरा काला दाग है?
उत्तर- इस मामले की तो जितनी निंदा की जाए, कम है। मैं खुद बेहद शर्मिंदगी महसूस करता हूं कि बिहार में ऐसी शर्मनाक घटना हुई। मुझे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर पूरा भरोसा है, वे इस मामले में जो भी दोषी होगा, चाहे वो कोई भी हो, उसे सजा दिलवाने में पीछे नहीं रहेंगे। उन्होंने खुद इसकी जांच सीबीआइ को सौंपी थी। जल्द ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
प्रश्न- और हां, आपकी शादी का सभी को लंबे समय से इंतजार है। कब हो रही है? कौन है वो ?
उत्तर- शादी तो मम्मी-पापा की पसंद से होगी। मम्मी का वश चले तो वो जल्द से जल्द कर दें। ये तो उनकी जिम्मेदारी है। मैं तो अभी चुनाव को लेकर बहुत व्यस्त हूं। देखिए, कब होती है। होगी तो पता चल ही जाएगा।