केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा- लोकतंत्र के सिद्धांतों को बनाए रखने को जल्द ही चुनाव होने वाले हैं। जम्मू कश्मीर प्रशासन सुनिश्चित करे कि मतदाता बेखौफ सुरक्षित माहौल में मतदान
श्रीनगर । केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने कहा कि लोकतंत्र के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए जल्द ही चुनाव होने वाले हैं। जम्मू कश्मीर प्रशासन सुनिश्चित करे कि मतदाता बेखौफ, सुरक्षित और विश्वासपूर्ण माहौल में मतदान केंद्रों तक पहुंचें। हालांकि उन्होंने जम्मू कश्मीर में लोकसभा व विधानसभा चुनाव एक साथ या अलग करवाने पर कुछ नहीं कहा।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के नेतृत्व में भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआइ) का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों की तैयारियों का जायजा लेने के लिए सोमवार राज्य के दो दिवसीय दौरे पर श्रीनगर पहुंचा। दल ने पहले दिन श्रीनगर में विभिन्न राजनीति दलों से मुलाकात की। लगभग सभी दलों ने एक साथ लोस व विस चुनाव करवाने पर जोर दिया। इसके बाद दल ने राज्य के नागरिक और पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चुनावी तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की। इसमें चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र और अशोक लवासा, उप चुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना, महानिदेशक ईसीआइ दिलीप कुमार, एडीजी शेफाली शरण, निदेशक निखिल कुमार मौजूद रहे। इनके अलावा बैठक में मुख्य निर्वाचन अधिकारी (जम्मू-कश्मीर) शैलेंद्र कुमार, मंडलायुक्त कश्मीर बसीर अहमद खान, एडीजीपी कानून व्यवस्था मुनीर अहमद खान, आइजीपी कश्मीर एसपी पाणि, लद्दाख संभाग सहित जिला उपायुक्तों और कश्मीर के जिला प्रमुखों सहित सिविल व पुलिस अधिकारियों ने भी भाग लिया।
इस मौके पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि जल्द चुनाव होने वाले हैं। आयोग चाहता है कि चुनावों के आयोजन में शामिल सभी लोगों की पूर्ण भागीदारी से यह चुनाव और अधिक समावेशी हों। उन्होंने कहा कि भारत में किसी भी जगह चुनाव कराना एक बहुत बड़ी चुनौती है, क्योंकि संबंधित क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थितियां, जनसंख्या घनत्व, अवकाश इत्यादि इसमें कई कारक रहते हैं। चुनाव आयोग का दल मंगलवार को जम्मू दौरे पर आएगा।
पर्याप्त संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की जाए :
चुनाव आयोग ने नागरिक और पुलिस प्रशासन से कहा कि मतदान केंद्रों पर सभी सुविधाएं यकीनी बनाई जाएं। मतदाता बिना किसी भय या बाधा के मतदान केंद्र तक पहुंचें। ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए राज्य प्रशासन पर्याप्त संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात करे। उन्होंने बूथों, ईवीएम, मतदान सामग्री, कर्मचारियों की तैनाती की तैयारियों का भी जायजा लिया।
लोस चुनाव के लिए खर्च सीमा 70 लाख व विस के लिए 28 लाख :
उपचुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने चुनाव प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों द्वारा खर्च की किसी भी अवैधता को रोकने के लिए कठोर निगरानी का निर्देश दिया। सक्सेना ने बताया कि लोकसभा चुनाव के लिए खर्च की सीमा 70 लाख रुपये और राज्य विधानसभा चुनाव के लिए 28 लाख रुपये है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं के साथ अभद्रता करने वालों और उन्हें पैसे का लालच देने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया में किसी भी तरह की अनियमितता और विवाद से बचने पर भी जोर दिया।
जम्मू कश्मीर में एक साथ करवाए जाएं लोस व विस चुनाव
जम्मू कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ ही होने चाहिए। यहां लोग बेसब्री से इनका इंतजार कर रहे हैं। चुनावों में देरी राज्य में लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा रही है। यह राय लगभग सभी राजनीतिक दलों ने जम्मू कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने के लिए हालात का जायजा लेने आए भारतीय चुनाव आयोग के दल के समक्ष रखी। आयोग ने अभी इसपर कुछ नहीं कहा है। आयोग मंगलवार को शरदकालीन राजधानी जम्मू संभाग में पहुंचेगा और यहां के नेताओं के साथ हालात पर विचार-विमर्श करेगा।
दिल्ली से राज्य के दो दिवसीय दौरे पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के नेतृत्व में आए भारतीय निर्वाचन आयोग के दल में चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा व अशोक लवासा, उप चुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना, महानिदेशक भारतीय चुनाव आयोग दिलीप कुमार, एडीजी शेफाली शरण, निदेशक निखिल कुमार शामिल हैं। चुनाव आयोग के दल की स्थानीय राजनीतिक दलों के साथ बैठक में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शैलेंद्र कुमार भी शामिल रहे। श्रीनगर में डल झील के किनारे स्थित एक होटल में चुनाव आयोग के दल ने स्थानीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग मुलाकात की।
जल्द निर्वाचित सरकार की बहाली जरूरी : नेकां
नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर ने चुनाव आयोग के साथ बैठक के बाद कहा कि हमने कहा कि राज्य में दोनों चुनाव यथाशीघ्र एक साथ कराए जाएं। यही राज्य में अस्थिरता और असमंजस के दौर को दूर करने का एक जरिया है। हमने कहा कि यहां हालात बेशक नाजुक हैं, लेकिन हालात को सामान्य बनाने के लिए एक निर्वाचित सरकार की बहाली जरूरी हैं, जो राज्य के लोगों के सामाजिक, राजनीतिक व आथिक हितों को यकीनी बनाए।
भाजपा ने कहा-जल्द हों चुनाव, पर एक साथ पर साधी चुप्पी :
चुनाव आयोग से मिलकर बाहर आए श्रीनगर में भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. अली मोहम्मद मीर ने कहा कि हमने आयोग को कहा है कि राज्य में जल्द चुनाव करवाए जाएं। भाजपा चुनाव के लिए हमेशा तैयार है। वहीं भाजपा महासचिव अशोक कौल ने कहा कि हमने चुनाव आयोग के समक्ष अपना पक्ष रख दिया है। हालांकि भाजपा ने एक साथ लोस व विस चुनाव पर अपना रुख साफ नहीं किया है। माना जा रहा है कि भाजपा का एक धड़ा एकसाथ लोस व विस चुनाव करवाने के पक्ष में नहीं है।
हम जल्द एक साथ चुनाव कराने के पक्षधर : कांग्रेस
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री ताज मोहिउद्दीन ने कहा कि हमने चुनाव आयोग को बताया कि यहां सभी चुनावों का इंतजार कर रहे हैं। सुरक्षाबलों को यहां मतदान लायक माहौल बनाना है। जहां तक कांग्रेस का सवाल है, हम विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ जल्द कराने के पक्षधर हैं।
हम चुनावों के लिए हरदम तैयार : पीडीपी
पीडीपी के उपाध्यक्ष अब्दुल रहमान वीरी ने कहा कि हम चुनावों के लिए हरदम तैयार हैं। हमने चुनाव आयोग से कहा कि यहां लोगों में मुख्यधारा के प्रति विमुख्ता बढ़ रही है और इसे एक निर्वाचित सरकार ही रोक सकती है। निर्वाचित सरकार ही यहां लोगों में लोकतंत्र के प्रति आस्था मजबूत बना सकती है। इसलिए लोकसभा और विस चुनाव एक साथ जल्द कराएं जाएं।
उम्मीद है जल्द चुनाव का एलान होगा : पीडीएफ
पीडीएफ के चेयरमैन हकीम मोहम्मद यासीन ने कहा कि इस समय कश्मीर एक मुश्किल दौर से गुजर रहा है और हालात को काबू करने के लिए यहां जल्द चुनाव कराए जाने चाहिए। उम्मीद करनी चाहिए कि चुनाव आयोग यहां राजनीतिक दलों द्वारा रखे गए सुझावों पर अमल करते हुए जल्द चुनावों का एलान करेगी।
बढ़ रहा असंतोष, जल्द एकसाथ हों चुनाव : माकपा
माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारीगामी ने कहा कि हमने चुनाव आयोग के साथ बातचीत में कहा कि बीते नौ माह से जम्मू कश्मीर में राज्यपाल व राष्ट्रपति शासन चल रहा है, जो किसी न किसी तरीके से लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। एक निर्वाचित सरकार की अनुपस्थिति में लोगों में असंतोष पैदा हो रहा है। इस पर काबू पाने के लिए राज्य में विस व लोकसभा चुनाव एक साथ कराने की प्रक्रिया को जल्द शुरू करना होगा।
पैंथर्स, बसपा ने भी की साथ चुनाव की मांग :
नेशनल पैंथर्स पार्टी (एनपीपी) के महासचिव मंजूर अहमद नाइक, बहुजन समाज पार्टी के महासचिव मुश्ताक अहमद और अवामी इतिहाद पार्टी (एआइपी) के अध्यक्ष इंजीनियर रशीद ने भी चुनाव आयेाग से मुलाकात कर राज्य में चुनावों लायक साजगार माहौल बनाते हुए अविलंब लोकसभा और विस चुनाव एक साथ कराने का आग्रह किया है।