भारत में हवाई यात्रा करने वाले लोगों को सबसे ज्यादा शिकायत एयरलाइंस स्टाफ के खराब व्यवहार से होती है। अधिकृत आंकड़ों के मुताबिक, नागरिक उड्डयन मंत्रालय की शिकायत निवारण प्रणाली पर सबसे ज्यादा शिकायतें एयरलाइंस स्टाफ के व्यवहार और उनके द्वारा यात्रियों का उत्पीड़न करने की मिलती है। केंद्रीय सार्वजनिक शिकायत निवारण व निगरानी तंत्र (सीपीजीआरएएम) को यात्रियों से मिलने वाली शिकायतों में दूसरा नंबर ‘लगेज खोने’ का होता है।
मंत्रालय से हासिल किए गए कागजातों के मुताबिक इस सिलसिले में टिकट गड़बड़ी, किराया या रिफंड को लेकर आने वाली शिकायतों का नंबर तीसरा है। बता दें कि सीपीजीआरएएम एक ऑनलाइन सिस्टम है, जिसे शिकायतों के त्वरित निवारण और प्रभावी निगरानी के उद्देश्य से लागू किया गया है। केंद्र सरकार ने सीपीजीआरएएम की शुरुआत 2007-08 में की थी। हालांकि जब अधिकारियों से यह पूछा गया कि यात्रियों की तरफ से सबसे ज्यादा शिकायत किस एयरलाइंस के बारे में मिली है, तो उनका कहना था कि अभी तक हर एयरलाइंस के हिसाब से शिकायतों की छंटनी की व्यवस्था सीपीजीआरएएम में नहीं की गई है।
संसदीय समिति ने दिए थे पिछले साल सुझाव
पिछले साल एक संसदीय समिति के सामने भी नागरिक उड्डयन मंत्रालय की तरफ से कहा गया था कि यात्रियों को होने वाली परेशानी के निपटारे के लिए एक शिकायत निवारण तंत्र मौजूद है। इसमें आने वाली शिकायतों को अधिकारी तत्काल संबंधित एयरलाइंस को कार्रवाई की हिदायत के साथ भेज देते हैं, क्योंकि यात्रा करना एक तरीके से एयरलाइंस और यात्री के बीच के अनुबंध जैसा होता है और इसका निवारण एयरलाइंस को ही करना होता है। इसके बाद 21 दिसंबर, 2018 को संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में टिप्पणी की थी कि मंत्रालय को महज शिकायतों के ट्रांसमीटर की भूमिका निभाने के बजाय ज्यादा जिम्मेदार होना चाहिए। मंत्रालय को इन शिकायतों का निवारण तय समय में किए जाने की व्यवस्था करने के साथ ही ऐसा नहीं करने वाली एयरलाइंस पर जुर्माना लगाने जैसा सिस्टम भी लागू करना चाहिए।
किस वर्ग में कितनी शिकायत
3524 शिकायत खराब व्यवहार व उत्पीड़न की मिली पिछले साल
1822 लोगों ने सामान खोने की शिकायत की सीपीजीआरएएम पर
1011 शिकायत मिली टिकट, किराये या रिफंड के सिलसिले में
भारत में अक्सर देखा गय है एयरलाइंस स्टाफ के व्यवहार की सबसे ज्यादा शिकायत