स्कूलों में डिजिटल बोर्ड लगाने का यह काम घोषणा के बाद ही शुरू हो गया है। अब तक नौवीं से बारहवीं तक की करीब 12 हजार से ज्यादा कक्षाओं को हाईटेक किया जा चुका है।
नई दिल्ली। स्कूली शिक्षा को मजबूती देने में जुटी सरकार ने 2022 तक देश भर के सभी स्कूलों को डिजिटल बोर्ड से लैस करने का फैसला लिया है। इसकी शुरूआत केंद्रीय विद्यालयों से हो चुकी है, जहां पहले चरण में नौवीं से लेकर बारहवीं तक की सभी कक्षाओं में इसे लगाने का काम तेजी से चल रहा है। दावा है कि अगले महीने तक इन स्कूलों की ऐसी सभी कक्षाओं में डिजिटल बोर्ड लग जाएंगे। वैसे भी योजना के तहत स्कूलों की सिर्फ नौवीं से बारहवीं तक ही कक्षाओं में ही डिजिटल बोर्ड लगाया जाना है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक राज्यों में भी डिजिटल बोर्ड लगाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। योजना के तहत करीब नौ लाख स्कूलों और कालेजों की पहचान कर ली गई है। इनमें करीब सात लाख स्कूल और दो लाख कालेज है। जिनमें सरकारी और वित्तीय सहायता प्राप्त स्कूल व कालेज दोनों को ही शामिल किया गया है।
स्कूलों को डिजिटल बोर्ड से लैस करने की यह घोषणा केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2018-19 को लेकर पेश किए गए बजट में की थी। योजना के मुताबिक इस पर करीब सात से दस हजार करोड़ रूपए खर्च होंगे। जिसकी 60 फीसद राशि केंद्र देगी, जबकि 40 फीसद राशि राज्यों को देनी होगी।
फिलहाल इसे लेकर राज्यों के साथ सहमति लेने का काम चल रहा है। माना जा रहा है कि राज्यों की सहमति मिलते ही राज्यों में काम शुरू हो जाएगा। इसे लेकर जरूरी डिजिटल पाठ्य सामग्री भी तैयार कराई जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक स्कूलों में डिजिटल बोर्ड लगाने का यह काम घोषणा के बाद ही शुरू हो गया है। हालांकि पहले चरण में इसकी शुरूआत केंद्रीय विद्यालयों से की गई थी। जहां अब तक नौवीं से बारहवीं तक की करीब 12 हजार से ज्यादा कक्षाओं को हाईटेक किया जा चुका है।
बाकी कक्षाओं को लैस करने का काम तेजी से चल रहा है। सरकार ने स्कूलों को डिजिटल बोर्ड से लैस करने की यह मुहिम वर्ष 1986 में स्कूलों को ब्लैक बोर्ड से लैस करने की मुहिम की तर्ज पर शुरू किया है। जिसमें सभी स्कूलों को उस समय ब्लैक बोर्ड से लैस किया गया था।